टोन्सिल - लक्षण,कारण और उपाय
टोन्सिल ...
टोन्सिल (tonsils) हमारे शरीर में पहले से ही मौजूद होता है, यह हमारे जीभ के पीछे की भाग से सटा हुआ होता है | यह हमारे गले में जहा पर नाक का छिद्र तथा मुख का छिद्र मिलता है, ठीक वही पर जीभ के पिछले भाग से जुडा हुआ स्थित पाया जाता है | सामान्य अवस्था में टोन्सिल से किसी भी तरह का परेशानी नहीं होती है | परन्तु अगर किसी कारण वास इसमें संक्रमण हो जाये या इसमें सुजन आ जाये तो इससे काफी दर्द होता है | दर्द के कारण कभी कभी खाना खाने में एवं मुह को खुलने में काफी तकलीफ होने लगता है |
टोन्सिल के लक्षण / Tonsils ke lakshan
गले में खरास महसूस होना |
कंठ में तेज दर्द रहना |
कान के निचले भाग में भी दर्द रहता है |
दर्द के कारण बुखार भी रहता है |
शरीर में कमजोरी लगने लगती है |
टोन्सिल होने के कारण
ठण्ड मौसम के कारण |
ठंडी चीज के सेवन करने से |
किसी तरह के virus या becteria के कारण हमारे गले में संक्रमण होने से |
ice cream खाने या ठंडी शीतल पेय को पिने से |
शर्दी जुकाम के कारण भी टोन्सिल होने लगता है |
टोन्सिल का उपचार...
1) दूध, हल्दी, एवं गोलकी (milk, turmeric and papper mint powder) –
दूध हल्दी एवं गोलकी का मिश्रण बना कर पिने से बुखार गले का दर्द और सुजन कम होने लगता है | इसी वजह से इस मिश्रण का इस्तेमाल टोन्सिल होने पर किया जाता है | क्योकि टोन्सिल होने पर बुखार दर्द और सुजन होने लगता है |
एक ग्लास में गर्म दूध ले |
उस दूध में आधा चम्मच हल्दी का powder तथा आधा चम्मच गोलकी का powder को मिलाकर घोल दे |
रोजाना रात में सोने से पहले उस दूध को पिये
2) नीबूं और शहद ( lemon and honey ) – नीबूं और honey में नमक मिला कर सेवन करने से गले की सुजन भी कम होता है, साथ में गले का खरास भी दूर होता है |
एक ग्लास गर्म पानी ले |
उसमे एक नीबूं को काट कर उसके आधे भाग से रस को गर्म पानी में निचोड़ दे |
फिर उस गर्म पानी में 2 से 3 चम्मच शहद को मिला दे |
रोजाना दिन में तीन (3) बार उस घोल को एक सप्ताह तक सेवन करे |
3) गाजर (carrot) –
गाजर में कारोतें नाम की gradients होते है जिसके कारण गाजर का रंग लाल होता है | गाजर में पाए जाने वाले यह gradients antitoxicant होते है | गाजर के सेवन से गले में होने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है | जो टोन्सिल (tonsil) होने से भी बचाता है |
2 से तीन गाजर को juice बना कर रोजाना दिन में तीन बार पिये |
3) चुकुन्दर (beet juice) –
beet में भी toxic agents पाए जाते है | जो virus तथा बेक्टेरिया से होने वाले संक्रमण से बचाता है |
beet का इस्तेमाल भी juice बनाकर किया जा सकता है |
4) गर्म पानी से गर्गिल (gargil with luke warm water) –
रोजाना सुबह उठ कर एक ग्लास हलके गर्म पानी में एक चम्मच नमक मिला कर गर्गिल करने से भी tonsil का सुजन कम होने लगता है |
》 क्या न करे (kya na kare)
अगर आपको tonsil हुआ हो तो कुछ बातो का खास ध्यान रखना काफी आवाश्यक हो जाता है, जैसे-
● दही , मलाई वाली दूध आदि का सेवन न करे |
मसालेदार खाना , तला हुआ चीजो को खाने से परहेज करे |
● अगर आपको tonsil की परेशानी है तो आप धुम्रपान न करे तो बेहतर होगा |
● किसी भी प्रकार की ठंडी चीजो का सेवन करने से बचने की कोशिस करनी चाहिए |
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